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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 गृह विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :200
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2783
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 गृह विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- नेतृत्व प्रशिक्षण की प्रमुख प्रविधियों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।

उत्तर -

नेतृत्व प्रशिक्षण की प्रविधियाँ (Techniques of Leadership Training) नेतृत्व प्रशिक्षण की कई प्रविधियाँ हैं, जिनमें निम्नांकित चार अधिक प्रमुख हैं-

1. भाषण विधि (Lecture Method)  - इस विधि में प्रशिक्षण पाने वाले नेतागण एक खास जगह पर एवं एक खास समय पर एकत्रित होते हैं और कोई विशेषज्ञ (expert) उन्हें नेतृत्व संचालन से सम्बन्धित भिन्न-भिन्न पहलुओं पर भाषण देता है एवं समस्याओं के समाधान के तरीकों पर प्रकाश डालता है। प्रशिक्षण पाने वाले नेता चुपचाप बैठकर विशेषज्ञों की बात को सुनते हैं तथा बतलाये गये दिशाओं में अपने व्यवहारों एवं मनोवृत्तियों में परिवर्तन लाने की कोशिश करते हैं।

यद्यपि इस विधि द्वारा नेता को प्रशिक्षित करना काफी आसान है, फिर भी इस विधि में कुछ कठिनाइयाँ हैं। जैसे- कुछ लोगों का कहना है कि इस तरह की विधि में अधिकतर नेताओं को कोई फायदा नहीं हो पाता है और वे विशेषज्ञ की बातों को एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल देते हैं। यह भी बतलाया गया है कि उच्च बुद्धि के नेता इस विधि से कोई खास लाभ नहीं उठा पाते हैं क्योंकि इनका ध्यान भाषण पर केन्द्रित हो ही नहीं पाता है। मायर (Maier, 1970) के अनुसार मात्र भाषण सुन लेने से नेताओं में व्यावहारिक कुशलता (practical skills) विकसित नहीं होती है। ऐसे प्रशिक्षित नेताओं को अपने कार्य पर लौटने पर फिर वही कंठिनाई सामने आने लगती है।

2. सम्मेलन विधि (Conference Method) - सम्मेलन विधि में प्रशिक्षण पाने वाले नेता या सर्वेक्षकगण (supervisors) एक बड़े हाल (hall) में एकत्रित होते हैं तथा नेतृत्व सम्बन्धित समस्याओं पर किसी विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में वे विचार-विमर्श करते हैं। यहाँ विशेषज्ञ भाषण नहीं देता है बल्कि सभी उपस्थित नेताओं से आपस में विचार-विमर्श कराकर नेतृत्व की कुशलता तथा प्रभावशीलता के बढ़ाने की विधियों से उन्हें अवगत कराता है। इस तरह से नेता सम्मेलन विधि द्वारा प्रशिक्षित हो जाते हैं। यह विधि भाषण विधि से थोड़ी श्रेष्ठकर इसलिए होती है क्योंकि इसमें प्रशिक्षण पाने वाले नेताओं की भूमिका अधिक सक्रिय होती है तथा इनका आवेष्टन (involvement) भी होता है। इस विधि द्वारा अधिक बुद्धि के नेताओं को प्रशिक्षण देना कठिन है क्योंकि ऐसा देखा गया है कि ऐसे नेता सम्मेलन में चुपचाप बैठे रह जाते हैं। वे किसी भी पहलू पर अपना विचार नहीं व्यक्त कर पाते हैं। इस तरह से उनमें नीरसता आने लगती है और धीरे-धीरे सम्मेलन से मानसिक रूप से वे अलग हो जाते हैं।

3. समस्या-विवेचन विधि (Case Discussion Method) - समस्या-विवेचन विधि बहुत कुछ सम्मेलन विधि के ही समान है। अन्तर सिर्फ इतना है कि इसमें नेता के प्रशिक्षण का केन्द्र बिन्दु (focal point) कुछ चुनी हुई विशिष्ट समस्याएँ होती हैं। इन समस्याओं पर बारी-बारी से कोई एक विशेषज्ञ प्रशिक्षण पाने वाले नेताओं के साथ (जिनकी संख्या प्रायः कम होती है) विचार-विमर्श करता है। इस विचार-विमर्श के दौरान उन्हें नये-नये अनुभव होते हैं और इस तरह से वे धीरे-धीरे प्रशिक्षित होने लगते हैं। फिशर (Fisher, 1982) के अनुसार यह विधि सम्मेलन विधि से अधिक प्रभावकारी दो कारणों से सिद्ध हुई है। पहला तो यह कि समस्या - विवेचन विधि में प्रशिक्षण पाने वाले व्यक्तियों का एक छोटा समूह होता है जिससे विचार-विमर्श में प्रशिक्षार्थियों की सहभागिता अधिक हो पाती है। दूसरा यह कि समस्या - विवेचन विधि में विचार विमर्श नेतृत्व के सामान्य पहलुओं पर न होकर विशिष्ट समस्याओं पर केन्द्रित होता है। फलतः प्रशिक्षार्थियों को लाभ अपेक्षाकृत अधिक होता है।

4. भूमिका निर्वाह विधि (Role Playing Method) - नेतृत्व प्रशिक्षण की इस विधि के प्रतिपादन का स्रोत मोरेनो (Moreno, 1930) 'मनोनाटक' (Psychodrama) विधि है। भूमिका निर्वाह विधि की सबसे प्रमुख पूर्वकल्पना (assumption) यह है कि हम जो चीज करके सीखते हैं वह अधिक मजबूत एवं टिकाऊ होती है। इस विधि में प्रशिक्षण पाने वाले नेताओं को कुछ विशेष भूमिका निभानी होती है। भूमिका निभाते समय उस भूमिका से सम्बन्धित नियमों एवं कर्तव्यों का भी पालन करना होता है। इस तरह से नेता भूमिका से सम्बन्धित कर्तव्यों (duties) एवं अधिकारों को निभाना सीख लेते हैं। उदाहरणार्थ, एक समूह में कुछ सर्वेक्षकों (supervisors) को मालिक (proprietor) की भूमिका निभाने के लिए कहा जा सकता है तथा कुछ को ऐसे कर्मचारी (employees) की जो मालिक का घेराव वेतन वृद्धि की माँग को पूरा करने के लिए कर रहे हों। स्वभावतः मालिक की भूमिका निभाने में उस सर्वेक्षक (supervisor) को उन कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा जो सचमुच में एक मालिक को करना पड़ता है। कर्मचारी की भूमिका में सर्वेक्षकों को उन कर्त्तव्यों का ज्ञान होगा जो एक कर्मचारी को होता है।

इस तरह से हम देखते हैं कि नेतृत्व प्रशिक्षण की कई प्रविधियाँ (techniques) हैं। इन प्रविधियों में अपनी सरलता के कारण भाषण विधि एवं सम्मेलन विधि अन्य विधियों की अपेक्षा अधिक प्रचलित हो पायी है। -

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- सामुदायिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामुदायिक विकास कार्यक्रम की विशेषताएँ बताइये।
  2. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना का क्षेत्र एवं उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के उद्देश्यों को विस्तारपूर्वक समझाइए।
  4. प्रश्न- सामुदायिक विकास की विधियों को समझाइये।
  5. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  6. प्रश्न- सामुदायिक विकास की विशेषताएँ बताओ।
  7. प्रश्न- सामुदायिक विकास के मूल तत्व क्या हैं?
  8. प्रश्न- सामुदायिक विकास के सिद्धान्त बताओ।
  9. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम की सफलता हेतु सुझाव दीजिए।
  10. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम क्या है?
  11. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना संगठन को विस्तार से समझाइए।
  12. प्रश्न- सामुदायिक संगठन से आप क्या समझते हैं? सामुदायिक संगठन को परिभाषित करते हुए इसकी विभिन्न परिभाषाओं का वर्णन कीजिए।
  13. प्रश्न- सामुदायिक संगठन की विभिन्न परिभाषाओं के आधार पर तत्त्वों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- सामुदायिक संगठन के विभिन्न प्रकारों को स्पष्ट कीजिए।
  15. प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन की सैद्धान्तिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालिये।
  16. प्रश्न- सामुदायिक संगठन के विभिन्न उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
  17. प्रश्न- सामुदायिक संगठन की आवश्यकता क्यों है?
  18. प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन के दर्शन पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
  19. प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
  20. प्रश्न- सामुदायिक विकास प्रक्रिया के अन्तर्गत सामुदायिक विकास संगठन कितनी अवस्थाओं से गुजरता है?
  21. प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन की विशेषताएँ बताइये।
  22. प्रश्न- सामुदायिक संगठन और सामुदायिक विकास में अंतर स्पष्ट कीजिए।
  23. प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन और सामुदायिक क्रिया में अंतर बताइये।
  24. प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन के प्रशासनिक ढांचे का वर्णन कीजिए।
  25. प्रश्न- सामुदायिक विकास में सामुदायिक विकास संगठन की सार्थकता एवं भूमिका का वर्णन कीजिए।
  26. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइये।
  27. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के उद्देश्यों का विस्तार से वर्णन कीजिये।
  28. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की विशेषताएँ समझाइयें।
  29. प्रश्न- ग्रामीण विकास में गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का महत्व समझाइये।
  30. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के क्षेत्र, आवश्यकता एवं परिकल्पना के विषय में विस्तार से लिखिए।
  31. प्रश्न- समेकित बाल विकास सेवा (ICDS) कार्यक्रम को विस्तार से समझाइए।
  32. प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना के बारे में बताइए।
  33. प्रश्न- राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) पर एक टिप्पणी लिखिये।
  34. प्रश्न- राष्ट्रीय सेवा योजना (N.S.S.) पर टिप्पणी लिखिये।
  35. प्रश्न- नेहरू युवा केन्द्र संगठन का परिचय देते हुए इसके विभिन्न कार्यक्रमों का वर्णन कीजिए।
  36. प्रश्न- नेहरू युवा केन्द्र पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  37. प्रश्न- कपार्ट एवं गैर-सरकारी संगठन की विकास कार्यक्रम में महत्वपूर्ण घटक की भूमिका निभाते हैं? विस्तृत टिप्पणी कीजिए।
  38. प्रश्न- बाल कल्याण से सम्बन्ध रखने वाली प्रमुख संस्थाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- हेल्प एज इण्डिया के विषय में आप क्या जानते हैं? यह बुजुर्गों के लिए किस प्रकार महत्वपूर्ण है? प्रकाश डालिए।
  40. प्रश्न- संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) से आप क्या समझते हैं? इसके कार्यों व महत्व पर प्रकाश डालिये।
  41. प्रश्न- बाल विकास एवं आप (CRY) से आप क्या समझते हैं? इसके कार्यों एवं मूल सिद्धान्तों पर प्रकाश डालिए।
  42. प्रश्न- CRY को मिली मान्यता एवं पुरस्कारों के विषय में बताइए।
  43. प्रश्न- बाल अधिकार का अर्थ क्या है?
  44. प्रश्न- बच्चों के लिए सबसे अच्छा एनजीओ कौन-सा है?
  45. प्रश्न- राष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस कब मनाया जाता है?
  46. प्रश्न- नेतृत्व से आप क्या समझते है? नेतृत्व की प्रमुख विशेषताओं का विश्लेषण कीजिये।
  47. प्रश्न- नेतृत्व के विभिन्न प्रारूपों (प्रकारों) की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  48. प्रश्न- नेतृत्व प्रशिक्षण से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व पर प्रकाश डालिए।
  49. प्रश्न- नेतृत्व प्रशिक्षण की प्रमुख प्रविधियों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  50. प्रश्न- कार्यस्थल पर नेताओं की पहचान करने की विधियों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  51. प्रश्न- ग्रामीण क्षेत्रों में कितने प्रकार के नेतृत्व पाए जाते हैं?
  52. प्रश्न- परम्परागत ग्रामीण नेतृत्व की विशेषताएँ बताइये।
  53. प्रश्न- नेतृत्व प्रशिक्षण को किन बाधाओं का सामना करना पड़ता है?
  54. प्रश्न- नेतृत्व की प्रमुख विशेषताओं को बताइए।
  55. प्रश्न- नेतृत्व का क्या महत्व है? साथ ही नेतृत्व के स्तर को बताइए।
  56. प्रश्न- नेतृत्व प्रशिक्षक से आप क्या समझते हैं? एक नेतृत्व प्रशिक्षक में कौन-से गुण होने चाहिए? संक्षेप में बताइए।
  57. प्रश्न- एक अच्छा नेता कैसा होता है या उसमें कौन-से गुण होने चाहिए?
  58. प्रश्न- एक अच्छा नेता कैसा होता है या उसमें कौन-से गुण होने चाहिए?
  59. प्रश्न- विकास कार्यक्रम का अर्थ स्पष्ट करते हुए विकास कार्यक्रम के मूल्यांकन में विभिन्न भागीदारों के महत्व का वर्णन कीजिए।
  60. प्रश्न- विकास कार्यक्रम चक्र को विस्तृत रूप से समझाइये | इसके मूल्यांकन पर भी प्रकाश डालिए।
  61. प्रश्न- विकास कार्यक्रम तथा उसके मूल्यांकन के महत्व का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के प्रमुख घटक क्या हैं?
  63. प्रश्न- कार्यक्रम नियोजन से आप क्या समझते हैं?
  64. प्रश्न- कार्यक्रम नियोजन की प्रक्रिया का उदाहरण सहित विस्तृत वर्णन कीजिए।
  65. प्रश्न- अनुवीक्षण / निगरानी की विकास कार्यक्रमों में क्या भूमिका है? टिप्पणी कीजिए।
  66. प्रश्न- निगरानी में बुनियादी अवधारणाएँ और तत्वों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  67. प्रश्न- निगरानी के साधन और तकनीकों का तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
  68. प्रश्न- मूल्यांकन डिजाइन (मूल्यांकन कैसे करें) को समझाइये |
  69. प्रश्न- मूल्यांकन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा कीजिए।
  70. प्रश्न- मूल्यांकन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- निगरानी का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  72. प्रश्न- निगरानी के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- निगरानी में कितने प्रकार के सूचकों का प्रयोग किया जाता है?
  74. प्रश्न- मूल्यांकन का अर्थ और विशेषताएँ बताइये।
  75. प्रश्न- निगरानी और मूल्यांकन के बीच अंतर लिखिए।
  76. प्रश्न- मूल्यांकन के विभिन्न प्रकारों को समझाइये।

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